आओ मिलकर हम सब भैया ज्यादा पेड़ लगाएंं! आओ मिलकर हम सब भैया ज्यादा पेड़ लगाएंं!
भले ही चली जाए ,ये दौलत और माया मिल जाए बस पुराने दोस्त और गुरु की छाया भले ही चली जाए ,ये दौलत और माया मिल जाए बस पुराने दोस्त और गुरु की छाया
निकला था एक गीत मन के द्वार से, कि खो जाऊँ आज बस इसी शाम में। निकला था एक गीत मन के द्वार से, कि खो जाऊँ आज बस इसी शाम में।
किसी पेड़ की छाया में, पूरे पूरे दिन बिताना। ओर शाम मैं फिर से कही दूर तक घूमने जाना।। किसी पेड़ की छाया में, पूरे पूरे दिन बिताना। ओर शाम मैं फिर से कही दूर तक घूमन...